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राजधानी से हो रही फोर्टीफाइड चावल की तस्करी, खुलेआम भेज रहे राइस मिल

जनता को एनीमिया जैसी बीमारियों से बचाने के लिए सरकार फोर्टीफाइड चावल राशन दुकानों से दे रही है

रायपुर : जनता को एनीमिया जैसी बीमारियों से बचाने के लिए सरकार फोर्टीफाइड चावल राशन दुकानों से दे रही है। यह चावल आम जनता को पसंद नहीं आ रहा है, लेकिन तकरीबन 1 करोड़ के चावल की तस्करी प्रतिदिन राजधानी से हो रही है। सरकारी राशन दुकानों के सामने राइस मिल में दलालों का डेरा जमा हुआ है।

फ्री का चावल उपभोक्ताओं से खरीद रहे 20 में, किचन तक पहुंच रहा 70 रुपए में :

80 प्रतिशत दुकानों के सामने दलाल मौजूद होते हैं, जो पीडीएस से उपभोक्ताओं को फ्री मिलने वाला चावल 20 रुपए प्रतिकिलो की दर पर खरीदते हैं और उसे करीब 35 रुपए की दर पर मिलरों को बेच देते हैं। मिलर उन चावलों को पतला कर, अपनी ब्रांडिंग के साथ बाजार में 55 से 60 रुपए प्रतिकिलो की दर पर बेचते हैं। इस तरह मुफ्त के चावल की कीमत किचन तक पहुंचते-पहुंचते करीब 70 रुपए प्रतिकिलो हो जाता है। इस बात का खुलासा पत्रिका पड़ताल में हुआ है।

यहां हो रही खरीदी, रामनगर इलाका :

यहां राशन दुकानों के सामने स्कूटी लेकर चार से पांच दलाल कार्डधारियों से चावल खरीदते हैं और रामनगर फर्नीचर दुकान स्थित गोदाम में शुभम नाम के तस्कर द्वारा एकत्रित किया जा रहा है। पत्रिका रिपोर्टर ने मौके पर देखा कि दिनभर में तकरीबन 100 क्विंटल चावल गोदाम में पहुंच जाता है। रात होते ही गोदाम में मालवाहक से आमासिवनी और संकरी के राइस मिलों में चावल पहुंचा देते हैं। इस कारोबार में कुछ महिलाएं भी संलिप्त हैं। इस पूरे खेल की फूड इंस्पेक्टर को भी जानकारी है।

सदर बाजार के किराना दुकान में खरीदी :

सदर बाजार के राशन दुकान के पास ही एक किराना दुकान है। वहां पर 20 रुपए में पीडीएस का चावल खुलेआम खरीदा जाता है। कई बार तो खाद्य निरीक्षकों के सामने भी खरीदी होती रहती है।

लाखेनगर चौक में चल रही खुलेआम खरीदी :

लाखेनगर में दलालों का रसूख ऐसा है कि राशन दुकान के पास ही छोटा हाथी खड़ा करके चावल खरीदा जाता है। जैसे छोटा हाथी लोड हो जाता है। उसे दिन दहाड़े आमासिवनी की राइस मिल पहुंचा दी जाती है।

यह है शासन का आदेश, कार्रवाई किसी पर नहीं :

अधिकांश कार्ड धारकों द्वारा पीडीएस की दुकान से चावल लेने के बाद बिचौलियों को बेच दिया जाता है। ऐसे में बिचौलिया दुकानों के आसपास ही सक्रिय रहते हैं। जो बिचौलिया या दुकानदार राशनकार्ड धारकों के सामग्री को खरीदेगा उसके खिलाफ भी छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 व आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 7 साल तक की अधिकतम सजा का प्रावधान है।
कार्रवाई के लिए टीम बनाई गई है, जिसमें एक-एक खाद्य अधिकारी और निरीक्षक है। राशन दुकानों का चावल बेचने और खरीदने वाले दोनों पर कार्रवाई होगी।

India Edge News Desk

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